मैं वो हूँ जो सर कटा सकती हूँ पर झुकती नही।

Hello,, dosto kaise hain sav log ummid  hai ke sab  achhe honge,, 

( NOTE ) dosto meri ( UP WALI CHHORI ) jo meri website thi wo band hai kuchh dino ke liye ,, aap  log chaho to google pr search ker ke dekh sakte ho,, 




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इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फराज कच्चा तेरा मकान है कुछ तो ख्याल कर..

सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं,,
तो इसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं,.
अगर वह बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं,,
अगर यह बात है तो चलो बात करके देखते हैं,,
कहानियां ही सही मुकाबला ही सही अगर यह ख्वाब है तो ताबीज करके देखते हैं,,
शेक्सपियर की कॉल की पास दारी कर रहा है,,
वो मोहब्बत नहीं अदाकारी कर रहा है। 

लोग यहां के काले बिच्छू ,
पल-पल डसने वाले बिच्छू
था मालूम के डस लेंगे,
फिर भी हमने पालेे बिच्छू।

किरदार में मेरे भले ही अदाकारी  नहीं है,
खुद्दारी है गुरूर है पर मक्कारी़ नहीं है।

मेरी हर बात बेअसर ही रही,,
नक्स है कुछ मेरे बयान में क्या,
बोलते क्यों नहीं मेरे हक में,
छाले पड़ गए जुबान में क्या,
यू क्या देखा जा रहा है आसमान को तू ,,
कोई रहता है आसमान में क्या।

उर्दू है मेरा नाम मैं खसरो की पहेली,
मैं अमीर की हमराज हूं ग़लिब की सहेली,
दक्कन के बली ने मुझे गोदी में खिलाया,
सौदा के कसीनो ने मेरा हुस्न बढ़ाया,
है अमीर की अजमत कि मुझे चलना सिखाया,
मैदा के आंगन में चली बनकी  चमेली,
उर्दू है मेरा नाम मैं खुसरो की पहेली।
गालिब ने मुझे बुलंदी का सफर  सिखाया,
हां अली ने मोहब्बत का सबक याद दिलाया,
इकबाल ने आईना हक मुझ को दिखाया,
मोमिन ने सजाई मेरे ख्वाबों की हवेली,
उर्दू है मेरा नाम मैं  खुसरो की पहेली।
क्यों मुझको बनाते हो दानिश का निशाना,
मैंने तो खुद को कभी मुसलमान नहीं माना,
देखा तो कभी मैंने भी खुशियों का जमाना,
मैं अपने ही वतन में हूं राही अकेली,
उर्दू है मेरा नाम मैं  खुसरो की पहेली।

अरे अरे ये नज़रे क्यों छुपाई जा रही हैं ,,
क्या हुआ इधर उधर क्या देख रहे हो,,
अब किसी और को धुखा देने की जहन में तरकीब आ रही है।





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